क्या घर घर बिजली आना सचमुच में विकास है? बिजली बनाना कोई बड़ी खोज नहीं है। बिजली का उल्लेख हमारे वेदों में भी मिलता है। लेकिन जो बिजली आधुनिक विज्ञान ने बनाई है,क्या वह कुदरत के साथ तालमेल खाती है? बिजली बनाने के कई तरीके हैं। प्रमुख रूप से बिजली को हम पानी से नाभिकीय रिएक्टरों द्वारा बनाते हैं। हम सौर ऊर्जा व बैटरीओं के रूप में भी बिजली का इस्तेमाल करते हैं लेकिन बैटरीयां काफी प्रदूषण कारी होती है व हमारे ज्ञान से दूर सोलर एनर्जी में भी जो उपकरण काम में आते हैं वह काफी प्रदूषण कारी होते हैं। सोचिए ट्यूबलाइट द्वारा सूर्य की तरह ही किरणों को उत्सर्जित किया जाता है लेकिन सूर्य से आने वाली हानिकारक किरणों को तो ओजोन परत रोक लेती है लेकिन यहां पर.... हम लगातार खतरनाक किरणों के संपर्क में रहते हैं और बिजली से कितने सारे पानी का नुकसान भी होता है क्योंकि बिजली शुद्ध पानी सही बनाई जाती है। पूरी पृथ्वी एक चक्र है। चक्र द्वारा उतना ही जल इस धरती पर दिया जाता है जितना पशु पक्षी,पेड़ों और इंसानों को जरूरत होती है। सारा पानी हम ही इस्तेमाल कर रहे हैं। नेहरू पर बड़े-बड़े बांध बना दिए ह...
मेरा जीवन देश, धर्म, संस्कृति के पूर्णतः समर्पित है, मेरा सपना भी उन क्रांतिकारियों की तरह भारत को भारतीयता के आधार पर खड़ा करना है, मैं इसके लिए कृतज्ञ हूँ। जय हिन्द, भारत माता की जय