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Radiation kill birds

Radiation kill Birds?




"खुला आसमान पक्षियों का है ,ये दुनिया पेड़ो की है। हमे आँखे इस सुंदर दुनिया को देखने के लिए ही दी है व कान इनकी चहचहाहट सुनने के लिए दी है व दिमाग इसे महसूस करने के लिए है और शरीर इनकी देखभाल करने को। "



आज की ये दुनिया जिसमे हम फर्नीचर, महंगे कपड़े,आदि आदि पश्चिमी सभ्यता के दीवाने है, जिसमे हम चिड़ियाघर को घूमने की जगह , पशु-पक्षी पालने को शौक, मांस खाने को स्टैण्डर्ड समझते है , कितनी खतरनाक है ,आपको अंदाजा भी नहीं है। 

सोचिये जब आप rat me बस में तेज गति से चलते हो और रास्ते में खड़े में या फिर किसी आपसे 100 गुना बड़ी व भारी चीज से टकरा जाओ। 
तो क्या होगा आपके साथ। 
ठीक ऐसे ही जब पक्षी उड़ रहे हो और रास्ते में मोबाइल टावर आ जाये। भाई ये घटनाये ज्यादातर रात में ही होती है। 
लगभग 5 करोड़ पक्षी तो प्रत्येक साल इन टावरों से ही मर जाते है। पक्षी विज्ञान विशेषज्ञ मानते है कि इससे पक्षियों की जनसंख्या पर कोई खास फर्क नहीं पड़ता लेकिन जो संकटमयी पक्षी है ,उनके विलुप्त होने का खतरा है। 
जान तो जान होती है ,5 करोड कोई छोटी संख्या नहीं। 


पूरी दुनिया में लगभग 50 लाख टेलीकॉम टावर है। जिनमे से 4 लाख तो भारत में ही है। भारत में काफी सारे प्रवासी पक्षी आते है। जिस देश को पहले सोने की 'चिड़िया' कहते थे ,उसी देश में लाखो पक्षी तो टावरो की वजह से ही मारे जाते है। 


इस दुनिया में लगभग 200 - 400 अरब पक्षी है। क्या इनका अंत भी इस सदी के अंत तक हो जायेगा?

अब बात करते है, रेडिएशन का पक्षी व इंसानो पर प्रभाव :-
Communication towers से हाई frequency की EMW (electro magnetic wave) निकलती है। 
ये खतरनाक किरणे वायरलेस सेल फ़ोन व हाई -टेंशन की इलेक्ट्रिक टावर से भी निकलती है। 
इंसानो में ये कैंसरकारी है , दिमाग पर बुरा असर डालती है ,डीएनए में उतपरिवर्तन भी कर देती है। 
पक्षी उड़ते वक्त earth की इलेक्ट्रो मैगनेटिक फील्ड का इस्तेमाल करते है और इसी के द्वारा दिशा का पता लगाते है लेकिन ये Communication टावर earth की रेडिएशन को खत्म कर देते है। जिससे लाखो पक्षी मारे जाते है। 
ये किरणों पक्षियों में रोग,कैंसर आदि उत्पन्न करते है। एक शोध में पाया गया कि इन्ही रेडिएशन से अंडो की कोशिकाएं नष्ट होती है और ये भ्रूण (पक्षी जो अभी पैदा भी नहीं हुआ) को भी नुकसान पहुँचाती है। 

अब नया विषय यह है की जब यही इंटनेट इतना नुक्सान पंहुचा रहे है तो 5G और 6G से क्या होगा ?
जैसे जैसे इंटरनेट की स्पीड बढ़ेगी वैसे वैसे रेडिएशन्स भी बढ़ेंगी। 
फिर न जाने कितने पक्षी मरेंगे और न जाने कितने इंसान। 

countermeasure 

हमे पता है कि आज के समय में इंटरनेट कितना जरूरी है ,इसके बिना हम दुनिया की कल्पना नहीं कर सकते। मै आपको जागरूक की इंटरनेट पर ही कर रहा हु। इसलिए मै इंटरनेट बंद करने की नहीं कह रहा , मैं आपसे बस इसे वायर युक्त बनाने और इसका सिर्फ जितना काम हो उतना ही यूज़ करने की कह रहा हु। 

हमे फ़ोन पर बात करने की वजाह एक छोटा सा मेसेज कर देना चाहिए ,इससे रेडिएशन कम निकलती है। 

हम न जाने यूट्यूब पर कितनी सारी फालतू की वीडियो डालते है , उन्हें कितने लोग देखते है , न जाने कितनी रेडिएशन्स निकलती है। फेसबुक पर भी हम दिन भर फालतू का टाइम पास करते रहते है। 

और भी न जाने क्या क्या |

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