#प्रधानमंत्री_को_पत्र
माननीय प्रधानमंत्री जी,
मेरा आपसे एक निवेदन है को देश हित के लिए है। आप भी जानते है कि सदियों से अफगानिस्तान भारत देश का ही हिस्सा रहा बल्कि आर्यों की उत्पत्ति का मुख्य स्थल रहा। मुस्लिम आक्रांताओं में वहां के आर्य राजाओं को हराकर अपना राज्य कायम किया व धर्मांतरण कराया लेकिन जो बात मै आपसे कहना चाहता हूं वह है कि अफगानिस्तान स्वतंत्रता के बाद भारत में क्यों नहीं मिला? इसका कारण था कि वहां ब्रिटिश राज नहीं था और कांग्रेस इतनी समस्या में थी कि उन्होंने भी इस बात पर ध्यान नहीं दिया। आप भी जानते है उनमें है तो खून हिंदुओ का ही। तो वो हमारे ही भाई है। आज वहां आतंकवाद चरम पर है व अफगानिस्तान दूसरे देशों की तरफ मदद की आस लिए हुए है ऐसे मै हमें उनकी मदद करनी चाहिए व उन्हें उनका इतिहास बताना चाहिए,जिससे आर्य जाती एक साथ मिलकर उन आतंकवादियों का सामना करे। हमें दोबारा से वहां सनातन संस्कृति व नियमो को लागू करवाना चाहिए, जिससे अफगानिस्तान के लोग फिर से भारत प्रेमी हो सकते है।
इसके लिए हमें अफगानिस्तान से संधि करनी चाहिए व सेना भेज कर उनकी मदद करनी चाहिए, बदले में अफगानिस्तान खुद ही टूटे फुटे मन्दिरों को ठीक करवा देगा,जिससे फिर से आर्य सभ्यता जीवित हो उठेगी।
धन की चिंता आप मत कीजिए, मुझे लगता है इस कार्य के लिए व सनातन संस्कृति के लिए पूरा देश आपका साथ देगा।
क्या हमें भी अखंड भारत के बारे मै नहीं सोचना चाहिए? मेरा मानना है कि स्वतंत्रता मिलते ही हम यदि अपनी सेना वहां भेज देते तो वो आसानी से दोबारा हमारा हो सकता था लेकिन शायद वह भी पाकिस्तान के साथ चला जाता लेकिन आज मौका अच्छा है।
संविधान की मूल आत्मा भी कहती है कि राष्ट्रीय धर्म व संस्कृति हिन्दू ही है। इसलिए सभी विभाग अपना लोगो संस्कृत के शब्दों के साथ ही लिखते है व राम राज्य कि फोटो संविधान पर लगाई गई अत: इस मूल भावना का सम्मान करते हुए, हमें देश का एक हिस्सा इस संस्कृति व दूसरो की मदद मै लगाना चाहिए।
आपके निर्णय भी प्रतीक्षा करूंगा। यदि मुझसे कुछ गलत लिखा हो तो मुझे क्षमा करे।
धन्यवाद
पुलकित गर्ग ( देशभक्त व सनातन प्रेमी)
आप मुझे बताएं कि क्या आप मुझसे सहमत है?

🙏🙏🙏
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