Multani Mitti Is Better Than Soap :-
भारत ने कई सालो से गुलामी सहन की है , ये विदेशी पहले ताकत के दम पर हमे लुटते थे और अब कंपनियां खोल कर। भारत के लोग सदियों से मुल्तानी मिटटी को शरीर से गंदगी हटाने के लिए इस्तेमाल करते आ रहे है और यह बहुत कम दामों में हमे मिल जाती है , हम इन्हे इतने पैसे देकर साबुन , शैम्पू क्यों ख़रीदे। जबकि इन्हे बनाने में जानवरो के मांस का उपयोग किया जाता है।
तो ये वीडियो मुल्तानी मिटटी की कुछ खास बातो के ऊपर समर्पित है।
धन्यवाद
Topics:-
1.क्या मुल्तानी मिट्टी साबुन से बेहतर है?
2.Composition of Multani Miiti ?
3.मुल्तानी मिटटी के उपयोग?
4.मुल्तानी मिट्टी का सबसे बड़ा उत्पादक?
5. Income of goverment
मुल्तानी मिट्टी को fuller's earth भी कहा जाता है। इसे मुल्तानी नाम मुल्तान शहर (जो अब पाकिस्तान में स्थित है ) के नाम पर दिया गया क्योकि यह मिटटी वहां के लोगो द्वारा सबसे पहले इस्तेमाल किया गई।वहीं पर इसकी उत्पत्ति मानी जाती है।
मुल्तानी मिट्टी सामान्यत एल्युमीनियम - मैग्नीशियम सिलिकेट की बनी होती है , जिसके सामान्य अव्यव बेंटोनाइट और पलोगोर्स्कीट है।
आपको अंदाजा नहीं होगा की मुल्तानी किस किस काम है , मुल्तानी मिटटी में कमाल की अवशोषण क्षमता होने के कारण इसे तेल,ग्रीस के अवशोषक ,cleaning agent , जहर के उपचार में किया जाता है।
इसी अवशोषक क्षमता के कारण इसका उपयोग साबुन व शैम्पू के रूप में किया जाता है। जबकि अलग अलग कम्पनियो के साबुन कितने महंगे आते है।
आतिशबाजियो में धूल के बादल बनाने में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।
मुल्तानी मिटटी कितनी उपयोगी है ,इसका अंदाजा आप इस बात से लगा की पुरे विश्व में एक साल में लगभग 34,20,000 टन मुल्तानी मिटटी का उत्पादन किया जाता है।
मुल्तानी मिट्टी को कभी खाना नहीं चाहिए क्योकि हमारा पाचन तंत्र इसमें उपस्थित minerals को पचाने में सक्षम नहीं है।
मुल्तानी मिटटी का सबसे बड़ा उत्पादक अमेरिका है।
भारत सरकार ने सन 2011-2012 मुल्तानी मिटटी से ही 24.2 करोड़ रूपये कमाए।
REFRENCE:-
wikipedia.org
quora
ibm.gov.in

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