वनवासी हिन्दू है या नहीं? आदिवासी महिलाओं की पुन: घर वापसी Tribals (वनवासी) के गांवो में विश्व हिन्दू परिषद(11,000<) व RSS जैसी संस्थाओं के हजारों विद्यालय दशकों से चल रहे है बिना स्वार्थ भाव। फिर आज वो आगे आकर कहते है कि कम हिन्दू नहीं। हम बिरसा मुंडा(पहले ईसाई मिशनरी के प्रभाव से ईसाई बने लेकिन गुरु ज्ञान प्राप्त कर सनातन धर्म अपनाया) की संतान नहीं? हम रामायण में उल्लेखित वो जनजातियां नहीं, हम महादेव के भक्त नहीं, हम भगवान वाल्मीकि (आज की वाल्मीकि जाति क्षत्रिय जाति है) की संताने नहीं, हम निषादराज के वंशज नहीं, नहीं नहीं ये भी नहीं पता कि आदिवासी तो सभी है लेकिन ट्राइबल वनवासी है। सरकार ने इन्हे उठाया लेकिन ये कहते है कि हमें तो फिर से ट्राइबल की श्रेणी दे, अरे आप जंगल में रहते ही नहीं तो कैसे वनवासी? यह सनातन बहुत प्राचीन है इसमें सभी आते है, सभी संस्कृतियों में इसकी जड़ें है। लेकिन ऐसा मानना सभी वनवासियों का नहीं है, छत्तीसगढ़ व कई राज्यो के वनवासी सनातनी है। मेरा आपसे यह सवाल है कि आप रिलिजन क्यों अपनाते है? जीवन पद्धति के लिए? जिससे आप एक वनवासी से सामाजिक बने तो हिन्दू...
मेरा जीवन देश, धर्म, संस्कृति के पूर्णतः समर्पित है, मेरा सपना भी उन क्रांतिकारियों की तरह भारत को भारतीयता के आधार पर खड़ा करना है, मैं इसके लिए कृतज्ञ हूँ। जय हिन्द, भारत माता की जय