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खुद की खोज book

     





"खुद की खोज

मुझे नहीं पता मै कौन हूं? मै क्या हूं? किस चीज के लिए इस असीम परमात्मा ने मुझे जन्म देकर धरती पर भेजा। मेरे जीवन का उद्देश्य क्या है? क्या मैं देशभक्त हूं? या फिर प्रकृति प्रेमी? मुझे आगे क्या करना है? मैं इस बात को लेकर बहुत चिंतित हूं। मुझे लगता है आप भी होंगे? इस चिंता के हल में मुझे अपना और आपको आपका उत्तर मिल जाएगा।

शीर्षक

1. मुझे ऊपरवाले ने इंसान ही क्यों बनाया? अथवा ऊपरवाले ने इंसान क्यों बनाया?

2. इंसान ने इंसानियत कैसे और क्यूं छोड़ी?

3. आज हम किस दिशा में बढ़ रहे है?

4. क्या मैं असली देशभक्त हूं? देश क्या है? या देशभक्त कैसे बनूं?

5. क्या प्रकृति प्रेमी ही असली देशभक्त?

6. आगे क्या करना है?

7. एक स्वदेशी ही असली देशभक्त?

8. हम फिर से पुराना भारत कैसे बनाएं? अथवा मेरे सपनो का भारत? अथवा सोने की चिड़िया?

9. हम बहुराष्ट्रीय कंपनियों के गुलाम? अथवा हमें इन चीजों की कभी जरूरत ही नही थी?

10. क्यों पिछड़ गए हम? अथवा भारत गुलाम क्यूं हुआ?

11. अन्तिम दो शब्द

About to author

मै ना तो कोई लेखक हूं और ना ही कोई ज्ञानी। यह किताब मै इंसानों को उनके जीवन का असली उद्देश्य बताने के लिए बस एक छोटी सी कोशिश के रूप में लिख रहा हूं। मानता हूं मेरा साहित्य अच्छा नहीं है लेकिन निवेदन करता हूं मेरा भाव जरूर समझे। इसलिए मै इस पुस्तक को पीडीएफ के रूप में उपलब्ध करा रहा हूं जिससे हर कोई व्यक्ति इस किताब को पढ़ सके। और यही कारण है कि मैंने इस किताब में बहुत कम शब्दों में लेकिन बहुत कुछ लिख दिया है। मेरा उद्देश्य किसी धर्म, संप्रदाय, कम्पनी या सरकार भी भावनाओ को ठेस पहुंचाना नहीं है

      ……..'पुलकित गर्ग '

आगे अगले भाग में……

धन्यवाद

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